अजीज थे जो लोग मेरी जिंदगी के साथ ...
आज वो ही मिले हैं बड़ी बेरुखी के साथ।।
यूँ तो मैं भी हंस पड़ा हूँ तेरी इस हंसी के साथ,,
मगर तू न जाने कितने अरमान टूट गये हैं इस हंसी के साथ।।
फुर्सत मिले तो कभी अपना गिरेबाँ भी देख लेना ,,,
यूँ न खेल किसी की बेबसी के साथ।।।
मजबूरियों की बात चली है तो मैं कहाँ,,,,
मैंने तो पिया है जहर भी अक्सर ख़ुशी के साथ…। .
चेहरे बदल बदल कर मिल रहे हैं लोग आज मुझसे,,,,,,
इतना बुरा सुलूक क्यों मेरी जिंदगी के साथ……।
आपका अपना ,,
विक्रम जाखड़
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आज वो ही मिले हैं बड़ी बेरुखी के साथ।।
यूँ तो मैं भी हंस पड़ा हूँ तेरी इस हंसी के साथ,,
मगर तू न जाने कितने अरमान टूट गये हैं इस हंसी के साथ।।
फुर्सत मिले तो कभी अपना गिरेबाँ भी देख लेना ,,,
यूँ न खेल किसी की बेबसी के साथ।।।
मजबूरियों की बात चली है तो मैं कहाँ,,,,
मैंने तो पिया है जहर भी अक्सर ख़ुशी के साथ…। .
चेहरे बदल बदल कर मिल रहे हैं लोग आज मुझसे,,,,,,
इतना बुरा सुलूक क्यों मेरी जिंदगी के साथ……।
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